Tuesday, July 21, 2015

Don"t lose hope

Don't Lose Hope... Don't Lose Hope... If spring follows winter, if a rainbow follows the storm, if morning follows the night, then happiness must follow sorrow. Don't lose hope. Things will get better!

Thursday, July 16, 2015

दृष्टिकोण

कोई व्यक्ति सिर्फ़ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि
उसे परेशानी नहीं है बल्कि इसलिए क्योंकि
उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है।

Sunday, May 9, 2010

आफ्टर ट्वेल्‍थ का क्राइसि‍स

ट्वेल्‍थ की एग्‍जाम खत्म होने के बाद अधिकतर स्टूडेंट्स के सामने यह दुविधा होती है कि आगे की पढ़ाई के लिए वे कौन सी स्ट्रीम चुनें। ग्रेजुएशन करें या फिर कोई प्रोफेशनल या वोकेशनल कोर्स? अगर ग्रेजुएशन करना है, तो इसके लिए कौन-सी स्ट्रीम चुनें? इस दुविधा का एक कारण यह भी है कि आजकल विकल्पों की भरमार है। इस समय स्टूडेंट ऐसे चौराहे पर खड़े होते हैं, जहाँ उन्हें एक खास रास्ते का चुनाव करना होता है। ऐसा रास्ता, जो उन्हें उनके करियर ग्राफ को एक नए मुकाम तक ले जाए।

बनाएँ बेलेंस
12वीं के बाद करियर ऑप्शन के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले दिल और दिमाग दोनों का संतुलन बिठाएँ। दिल जहाँ आपको यह बताएगा कि आपको क्या करने में खुशी मिलेगी, तो वहीं दिमाग बताएगा कि क्या अच्छा है और क्या नहीं? इन दोनों के संतुलन से आप उपयोगी और सक्षम बनाने वाले करियर की ओर बढ़ सकते हैं। इसके साथ-साथ आज के प्रतिस्पर्धी दौर को देखते हुए सिर्फ एक ही विकल्प पर निर्भर रहने के बजाय अपने लिए एक से अधिक करियर विकल्प भी जरूर तैयार करें। इससे एक रास्ता किसी कारण बंद होने की सूरत में दूसरा रास्ता खुला रहेगा।

लक्ष्य तय करें
आज के दौर में बिना लक्ष्य तय किए पढ़ाई करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आपकी रुचि जिस क्षेत्र में है, उसी को ध्यान में रखकर करियर की प्लानिंग करना बेहतर माना जा सकता है। आप 12वीं के बाद जिस क्षेत्र या विषय को चुन रहे हैं, उससे संबंधित समुचित योग्यता आपमें है या नहीं, इस चीज को पहले से ही परख लें!

कॉर्पोरेट वर्ल्ड में माँग
आज के जमाने के ऐसे कई ऑप्शंस हैं, जिनकी कॉर्पोरेट वर्ल्ड में हमेशा मांग बनी रहती है। इनमें बैचलर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (बीबीए), बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशंस (बीसीए), डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (बीआईटी), रिटेल मैनेजमेंट, बीएससी (कम्प्यूटर स्टडीज), डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग, प्रमोशन ऐंड सेल्स मैनेजमेंट, ट्रैवॅल ऐंड टूरिज्म, फैशन डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशन कोर्स शामिल हैं।


NDविकल्पों की भरमार
पहले स्टूडेंट्स के पास मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे कुछेक करियर के ऑप्शन ही होते थे, लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। आज इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, टीचिंग जैसे परंपरागत विषयों के साथ-साथ सैकड़ों नए विकल्प भी सामने आ गए हैं। ऐसे में एक या दो विषय में ही उच्च शिक्षा हासिल करने की मजबूरी नहीं रह गई है। बारहवीं के बाद ही तय करना होता है कि आप प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं या फिर एकेडमिक कोर्स।

इनका रखें ध्यान
कोर्स चुनने से पहले रुचि, योग्यता और उसमें उपलब्ध करियर विकल्पों पर जरूर विचार करें।

दूसरों की देखादेखी या पारंपरिक रूप से प्रचलित कोर्सों की बजाए अपनी रुचि के नए विकल्पों को आजमाने में संकोच न करें, क्योंकि अब इनमें भी आकर्षक करियर बनाया जा सकता है।

आर्ट्‌स में रुचि है, तो कदम आगे ब़ढ़ाने में बिल्कुल न झिझकें। इसमें भी विकल्पों की कमी नहीं है।

यदि निर्णय लेने में कोई दुविधा है, तो काउंसलर की सलाह अवश्य लें।

बारहवीं के बाद बिना किसी लक्ष्य के पढ़ाई न करें, बल्कि पहले दिशा तय कर लें और फिर उसके अनुरूप प्रयास करें।

कैसे मिटाएँ दूरियाँ...

कहते हैं कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती पर मान लो अगर आपको अपने साथी से वर्षों तक दूर रहना पड़े। ऐसे समय के दौरान आप यह भी चाहते हैं कि आप दोनों के बीच का प्यार और आत्मीयता जीवित रहे...यहाँ पर आत्मीयता का अर्थ सिर्फ शारीरिक संबंध तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसा रिश्ता कायम करने में जिसमें आप एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक तरीके से जुड़े रहते हैं... आखिर क्या करें इस प्रकार की परिस्थितियों में? क्योंकि हर किसी को कभी न कभी ऐसे हालातों का सामना करना ही पड़ता है।

ऐसे समय में ज्यादातर प्रेमी एक दूसरे को प्रेम पत्र लिखते हैं, कोई ईमेल भेजता है, कोई वॉइस चैट करता है, लेकिन यह सभी बातें तो सामान्य हैं, इससे हटकर भी कुछ ऐसा होना चाहिए जो आपकी दूरी को नजदीकी में तब्दील कर दे।

किसी भी रिश्ते को बरकरार रखने के लिए कम्युनिकेशन अर्थात वार्तालाप होना जरूरी है। खासकर ऐसे रिश्ते जिसमें आपका साथी आपसे बहुत दूर है। वार्तालाप ही आपको एक-दूसरे से जोड़कर रख सकता है। इसके जरिये आप दोनों पाएँगे कि चाहे दूरियाँ कितनी भी हों लेकिन आप हमेशा एक दूसरे के साथ ही है। कम्युनिकेशन के कई सारे माध्यम हैं जैसे कि मैंने ऊपर बताया इसके अलवा एक और माध्यम भी आ चुका है जो है वेब कैमरा, जिसकी मदद से आप अपने साथी को दूर बैठे हुए भी देख सकते हैं और बातें कर सकते हैं।

एक बात हमेशा ध्यान में रखें 'कभी भी अपने जीवनसाथी को अपने से दूर न होने दें। अगर एक बार भी आप दोनों के बीच कम्युनिकेशन खत्म हो गया तो समझो आपका प्यार किसी मझधार में फँस जाएगा। वहाँ पर विश्वास नाम की नौका कभी भी पहुँच नहीं पाएगी, क्योंकि जैसे ही कम्युनिकेशन बंद होता है, शंका-कुशंकाएँ जन्म लेना शुरू कर देती हैं। एक-दूसरे के प्रति जो भरोसा रहता है वह भी कम होने लगता है। यहाँ पर सवाल एक ही उठता है कि हम इन लंबी दूरियों को कैसे मिटाएँ जिससे हमारा प्यार हमेशा-हमेशा के लिए कायम रह सके।

खास दिनों को याद रखें
ऐसे मौकों पर आप दोनों को एक-दूसरे से जुडे हुए खास दिनों को याद रखना चाहिए, जैसे कि पिछले साल जब वेलेन्टाइन डे की यादों को ताजा कर लें। आप अगर किसी दोस्त की शादी में गए थे तो वहाँ पर कैसे मजे किए थे, आप एक-दूसरे का जन्मदिन भी याद रख सकते हैं।

रिकॉर्डेड सीडी भेजें
ऑफिस या परिवार में आयोजित प्रसंगों को रिकॉर्ड करके आप उन्हें भेज सकते हैं। मान लो कि दूर बैठे हुए आपके साथी का बर्थडे है, लेकिन उनके सभी दोस्त वही हैं जहाँ पर आप हैं, तो आप उनके सभी दोस्तों को साथ मिलाकर एक ऐसी सीडी रिकॉर्ड करें जिसमें उनका हर दोस्त बारी-बारी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ दे रहा हो। ऐसा करने से आपका साथी कभी अपने आपको अकेला नहीं समझेगा। उसके मन से सभी दूरियाँ मिट जाएँगी। उसे लगेगा कि आप उसे कितना मिस करते हैं, उसकी कितनी परवाह करते हैं और उससे कितना प्यार करते हैं।

आजकल मोबाइल में भी रिकॉर्डेड वॉइस मैसेज की सुविधा प्रचलित है। आप कुछ न कर पाए तो रात को सोते समय अपने दूर बैठे साथी को वॉइस एसएमएस या टैक्स्ट एसएमएस जरूर भेजें। ऐसा करने से आपके साथी की पूरे दिन की थकान मिट जाएगी, वो उस वक्त आप को अपने करीब पाएगा। दावे के साथ कहता हूँ अगर दोनों का प्यार सच्चा होगा तो चाहे कितनी भी दूरियाँ क्यों न हों, आप दिल से एक दूसरे को करीब ही पाएँगे।

आपको भी है लव एडिक्शन?

'छोटी सी उमर में लग गया रोग, कहते हैं लोग कि मैं मर जाऊँगी' लता मंगेशकर के इस मशहूर गीत को आपने जरूर सुना होगा। यही इश्क का रोग है। प्रेम एक रोग है, इस बात को शायर सदियों से कहते चले आ रहे हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि प्यार कोई रोग नहीं वास्तव में एक ऐसी नशीली दवा है, जिसकी लत पड़ जाती है।

वैज्ञानिकों ने इस संबंध में किए गए रिसर्च से साबित किया है कि जिस तरह से आपको सिगरेट और शराब पीने की लत पड़ जाती है, इसके बाद इंद्रियों पर काबू नहीं रहता और मना करने पर भी बार-बार इनकी तलब लगती है, ठीक उसी तरह प्यार की लत भी पड़ जाती है। शायद यही वजह है कि इश्क में तर्क से काम नहीं लिया जाता। दिल कहीं पर, किसी पर भी आ सकता है और फिर इस रोग का इलाज करना मुश्किल हो जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रेम रोग या इश्क की लत के लिए एक रसायन जिम्मेदार होता है। दिमाग के रसायनों पर की गई स्टडीज से यह मालूम हुआ है कि प्यार वास्तव में एक लत डालने वाली ड्रग है। जब लोग प्यार में पागल हो जाते हैं तो चंद घंटों की जुदाई से भी उन्हें परेशानी होने लगती है और उनमें विदड्रॉअल सिम्पटम्स स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं।

वैज्ञानिकों के नजरिए से प्यार में लत डालने वाला रसायन 'डोपामाइन' दिमाग के 'रिवार्ड सेंटर' को स्टिम्युलेट करता है और अच्छे अनुभवों को दोहराने की जो हमारी इच्छाएँ होती हैं, उसमें मुख्य भूमिका अदा करता है। जब हम शराब पीते हैं तो यह रसायन हमें प्रसन्नता का अहसास कराता है, सुरूर की बुलंदियों तक ले जाता है और बार-बार शराब पीने के लिए प्रेरित करता है।

ठीक यही प्रक्रिया प्यार या इश्क में भी दोहराई जाती है। इस संबंध में किया गया विस्तृत शोध अमेरिकी पत्रिका 'नेचरन्यूरो साइंस' में प्रकाशित हुआ है। फ्लोरिडा स्टेट विश्वविद्यालय के ब्रेंडन एरागोना के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक लड़का, जो प्यार में दीवाना था, के दिमाग में उस प्रोटीन को ब्लॉक कर दिया जो डोपामाइन से इंटरएक्ट करता है। इससे लड़के के प्रेम मैकेनिज्म (प्रक्रिया) में रोड़ा अटक गया।

प्रभावित नर, जो सामान्य स्थिति में अपनी मादा के साथ आक्रामक प्रतिक्रिया करता है, उसने अपनी मादा के लिए प्राथमिकता को ही खो दिया। यानी अगर किसी व्यक्ति के सिर से आशिकी का भूत उतारना है, तो उसके उस प्रोटीन को ब्लॉक कर दिया जाए जो डोपामाइन रसायन से इंटरएक्ट करता है, यानी उससे संबंध बनाता है। इससे शायद उसकी शराब की लत भी छूट जाए।

ए शॉर्ट स्टोरी अबाउट लव ए क्यूट लव स्टोरी

मैं हमेशा एक ऐसे आदर्श व्यक्ति की चाह रखती थी जो कुछ गंभीर तो कुछ बुद्धू सा हो, जिम्मेदार होने के साथ हाजिरजवाब हो और प्यार देने के मामले में भी बिल्कुल सच्चा हो। और बहुत से लोगों से मिलने के बाद मेरी आशाएँ और भी बढ़ गई थीं।

यहाँ गोआ में कितने खूबसूरत समुद्र तट हैं, चारों ओर सुंदरता मानो बिखरी हुई है। मनोहारी सूर्यास्त के दृश्य और गुजारा गया समय तो बहुत ही बेहतरीन है। अपने प्रियतम की बाहों में सिमटकर सूर्यास्त देखते हुए मुझे एक पल को अकेलापन महसूस नहीं हुआ। सुबह उसकी मुस्कान के साथ होती है तो दोपहर की गर्माहट को हम हाथों में हाथ डालकर घूमते हुए महसूस करते हैं।

उस पल को याद करती हूँ जब हम बस में सफर कर रहे थे और मैं बीच में फँसी बैठी थी। मेरे पड़ोस में कौन बैठा है इसका पता मुझे तब चला जब मेरी सहेली ने धूप से बचने के लिए खिड़की बंद की। वह मेरी ओर देखकर मुस्कराया, वैसे तो मैं अनजान लोगों की तरफ देखना भी पसंद नहीं करती लेकिन न जाने क्या बात थी उस निश्चल मुस्कान में कि मैं भी जवाब में मुस्करा दी।

फिर उसने हैलो कहा मैंने जवाब दिया। इसके बाद बातचीत में घंटों ऐसे बीत गए जैसे हम बरसों से एक दूसरे को जानते हों। थोड़ी देर बाद बस रुकी और वह घूमने के लिए नीचे उतरा। मेरी सहेली ने चुटकी ली 'अरे मैं भी साथ में हूँ मुझसे तो बात ही नहीं की आपने और लगीं है उसे अजनबी से बतियाने में।' सहेली की बात मुझे लग गई। जब वह वापिस आया तो जानबूझकर मैंने अपना मुँह एक किताब में गड़ा लिया। जब भी किताब से नजरें हटाकर देखती तो पाती कि वह मुझे ही देख रहा है।

बस से हम लोग साथ ही उतरे। उसे उसी शहर की किसी और कॉलोनी में जाना था। फोन नंबर और घर के पतों का आदान-प्रदान पहले ही हो चुका था। मुझे लग तो रहा था कि वह फोन जरूर करेगा। उसने फोन किया, फिर से बहुत सी बातें हुई और यह सिलसिला चल निकला।


NDमैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि यूँ ही सफर के दौरान इतने अच्छे व्यक्ति से मुलाकात हो जाएगी। अरे उसका नाम तो मैंने बताया ही नहीं? उसका नाम है अवनीश। अवनीश बेहद अच्छा इंसान है स्वार्थ तो उसके मन में रत्ती भर भी नहीं है। वह हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। अपने लिए उसके पास समय नहीं है लेकिन दूसरों के लिए समय निकाल ही लेता है।

अभी जब हम गोआ में हैं तब भी वह अपने कंप्यूटर पर लगा है और मुसीबत में पड़े दोस्तों की मदद कर रहा है। कभी-कभी तो वह दूसरों के लिए रात भर भी जागता है लेकिन सुबह उठकर जब भी मेरे साथ बीच पर हाथों में हाथ लिए टहलता है तो मुझे लगता है कि सारे जहाँ की खुशियाँ सिमटकर मेरे हाथों में आ गई हैं। मुझे तो भरा पूरा परिवार मिला है पर उसने परिवार की खुशियाँ नहीं देखीं।

उसके पिता बहुत अच्छे थे लेकिन उसने उन्हें बहुत जल्दी खो दिया। माँ भी उसे प्यार नहीं दे पाई क्योंकि वे मानसिक रोग से पीड़ित हैं। वह माँ की सेवा भी करता है। उसने जीवन में बहुत कठिनाइयाँ देखीं हैं और अब मैंने उसे अपनी कोमल बाँहों का सहारा दिया है। आज हमारी सगाई हो चुकी है और हम सोचते हैं कि उस दिन बस में मुलाकात नहीं होती तो क्या होता? आज हम गोआ में हैं और एक दूसरे से बहुत खुश हैं। वह कुछ भी ज्यादा नहीं चाहता पर मैं उसे सब कुछ देना चाहती हूँ।

लड़कियाँ क्या चाहती हैं लड़कों से

प्यार करने वालों की हमेशा यह कोशिश होती है कि उनकी नजदीकियाँ बढ़ें। अंतरंगता बढ़ाने के लिए एक-दूसरे को प्रभावित करना बहुत ही जरूरी होता है। मॉडर्न माहौल और अत्याधुनिक बनने के चक्कर में वे कई बार ऐसी हरकतें कर बैठते हैं कि सामने वाला पास आने के बजाय और दूर हो जाता है।

हम चाहे जितना भी आधुनिक हो गए हों पर प्यार के मामले में तो पुराने और संभ्रांत तौर तरीके के ही आज भी दिल को अच्‍छे लगते हैं।

कॉमेंट्‍स करना, गाड़ियों पर जा रही लड़कियों को परेशान करना आदि काम छिछोरेपन की श्रेणी में आता है। जिनसे महिलाएँ बहुत बचना चाहती हैं। इनके जरिये आप उन लड़कियों की निगाह में इमेज बना नहीं रही उल्टा बिगाड़ रहे हैं। नफासत, शिष्टता और भद्रता का दामन थामे रहना, दिल के करीब पहुँचने का लव-मंत्र है।

दोस्तो, ज्यादातर फिल्मों, टीवी सीरियलों और पत्र-पत्रिकाओं में प्यार करने वालों की जो इमेज दिखाई जाती हैं, वह वास्तविक जिंदगी से मेल नहीं खाती हैं। अक्सर युवक-युवतियाँ इन माध्यमों से इम्प्रैस होकर वैसे व्यवहार को अपनी जिंदगी में उतारना चाहते हैं पर उसका असर उलटा पड़ता है। क्लोज आने के बजाय दोनों एक-दूसरे से दूर भागने लगते हैं।

कुछ युवकों की यह धारणा होती है कि युवतियों को तंग किया जाए तो वे करीब आती हैं पर यह सोच गलत है। महिलाएँ हमेशा शिष्टतापूर्ण व्यवहार से आकर्षित होती हैं। खिल्ली उड़ाने या अभद्र तौर तरीके से उन्हें कभी भी नजदीक नहीं लाया जा सकता है। बैठते समय उन्हें पहले बैठने का आग्रह करना, पानी का गिलास उनकी ओर बढ़ाना और खाने का ऑर्डर देते समय पहले उनकी पसंद पूछना आदि छोटी-छोटी बातें आपको महिलाओं के दिल में जगह बनाने में बहुत ही कारगर सिद्ध होंगी।


खाने की कोई अच्छी डिश आने पर आप उन्हें खिलाकर स्वाद भी पूछ सकते हैं। महिलाएँ कोमलता भरे लहजे और व्यवहार को पसंद करती हैं। महिलाओं की वेशभूषा और रूपरंग के विषय में भी बातें की जा सकती हैं। यदि आपके शब्दों और विचारों में अश्लीलता और फूहड़ता नहीं हो तो आप किसी भी विषय पर उनसे बातचीत कर सकते हैं और उनका दिल जीत सकते हैं।

पुरुष मित्रों को यह याद रखना चाहिए कि माहिलाओं के दिल में अपनी पक्की जगह बनाने के लिए उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है। महिलाओं की बातों को ध्यान से सुनना, उनके विचारों को वेटेज देना, उन्हें अपना फैन बनाने का मंत्र है।

इस युग की महिलाएँ प्यार, भावना, संवेदना, व्यवहार यूँ कहें कि हर स्तर पर अपनी खास जगह तलाशती हैं। पुरुष सत्ता की धौंस दिखाने वाले सारे रवैये उन्हें आपसे दूर ही करते हैं। जिन पुरुषों को प्यार में गहरी दोस्ती का अहसास भी चाहिए, उन्हें महिलाओं के साथ खींचतान से बचना चाहिए। युवक यदि कोमलता से युवतियों से पेश आएँ तो उन्हें निश्चित ही पक्की दोस्ती की रसीद मिल सकती है।