Sunday, May 9, 2010

आफ्टर ट्वेल्‍थ का क्राइसि‍स

ट्वेल्‍थ की एग्‍जाम खत्म होने के बाद अधिकतर स्टूडेंट्स के सामने यह दुविधा होती है कि आगे की पढ़ाई के लिए वे कौन सी स्ट्रीम चुनें। ग्रेजुएशन करें या फिर कोई प्रोफेशनल या वोकेशनल कोर्स? अगर ग्रेजुएशन करना है, तो इसके लिए कौन-सी स्ट्रीम चुनें? इस दुविधा का एक कारण यह भी है कि आजकल विकल्पों की भरमार है। इस समय स्टूडेंट ऐसे चौराहे पर खड़े होते हैं, जहाँ उन्हें एक खास रास्ते का चुनाव करना होता है। ऐसा रास्ता, जो उन्हें उनके करियर ग्राफ को एक नए मुकाम तक ले जाए।

बनाएँ बेलेंस
12वीं के बाद करियर ऑप्शन के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले दिल और दिमाग दोनों का संतुलन बिठाएँ। दिल जहाँ आपको यह बताएगा कि आपको क्या करने में खुशी मिलेगी, तो वहीं दिमाग बताएगा कि क्या अच्छा है और क्या नहीं? इन दोनों के संतुलन से आप उपयोगी और सक्षम बनाने वाले करियर की ओर बढ़ सकते हैं। इसके साथ-साथ आज के प्रतिस्पर्धी दौर को देखते हुए सिर्फ एक ही विकल्प पर निर्भर रहने के बजाय अपने लिए एक से अधिक करियर विकल्प भी जरूर तैयार करें। इससे एक रास्ता किसी कारण बंद होने की सूरत में दूसरा रास्ता खुला रहेगा।

लक्ष्य तय करें
आज के दौर में बिना लक्ष्य तय किए पढ़ाई करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आपकी रुचि जिस क्षेत्र में है, उसी को ध्यान में रखकर करियर की प्लानिंग करना बेहतर माना जा सकता है। आप 12वीं के बाद जिस क्षेत्र या विषय को चुन रहे हैं, उससे संबंधित समुचित योग्यता आपमें है या नहीं, इस चीज को पहले से ही परख लें!

कॉर्पोरेट वर्ल्ड में माँग
आज के जमाने के ऐसे कई ऑप्शंस हैं, जिनकी कॉर्पोरेट वर्ल्ड में हमेशा मांग बनी रहती है। इनमें बैचलर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (बीबीए), बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशंस (बीसीए), डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (बीआईटी), रिटेल मैनेजमेंट, बीएससी (कम्प्यूटर स्टडीज), डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग, प्रमोशन ऐंड सेल्स मैनेजमेंट, ट्रैवॅल ऐंड टूरिज्म, फैशन डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशन कोर्स शामिल हैं।


NDविकल्पों की भरमार
पहले स्टूडेंट्स के पास मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे कुछेक करियर के ऑप्शन ही होते थे, लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। आज इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, टीचिंग जैसे परंपरागत विषयों के साथ-साथ सैकड़ों नए विकल्प भी सामने आ गए हैं। ऐसे में एक या दो विषय में ही उच्च शिक्षा हासिल करने की मजबूरी नहीं रह गई है। बारहवीं के बाद ही तय करना होता है कि आप प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं या फिर एकेडमिक कोर्स।

इनका रखें ध्यान
कोर्स चुनने से पहले रुचि, योग्यता और उसमें उपलब्ध करियर विकल्पों पर जरूर विचार करें।

दूसरों की देखादेखी या पारंपरिक रूप से प्रचलित कोर्सों की बजाए अपनी रुचि के नए विकल्पों को आजमाने में संकोच न करें, क्योंकि अब इनमें भी आकर्षक करियर बनाया जा सकता है।

आर्ट्‌स में रुचि है, तो कदम आगे ब़ढ़ाने में बिल्कुल न झिझकें। इसमें भी विकल्पों की कमी नहीं है।

यदि निर्णय लेने में कोई दुविधा है, तो काउंसलर की सलाह अवश्य लें।

बारहवीं के बाद बिना किसी लक्ष्य के पढ़ाई न करें, बल्कि पहले दिशा तय कर लें और फिर उसके अनुरूप प्रयास करें।

No comments:

Post a Comment