किसी दोस्त की कामयाबी को देख के खुशी होती है या जलन? कुछ कुछ दोनो होता है, पर दोस्त जब बहुत ज्यादा कामयाब हो जाता है तो दूरियाँ बढ़ने लगती हैं। कुछ उसी तरह की चीज़ है कि जो चीज हम हासिल नहीं कर सकते हैं उसके बारे में मन बनाना पड़ता है कि हमें तो उसकी जरूरत ही नहीं है। अक्सर होड़ करने के बजाय इंसान ऐसी हालत में हथियार ही डाल के विमुख होने का नाटक करता है और अंततः विमुख हो जाता है।
कभी कभी आप वही होते हैं, पर दोस्त बदल जाते हैं या उनका नजरिया बदल जाता है।
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