Sunday, May 9, 2010

जरूरी है एक छोटा-सा थैंक्स शुक्रिया से बढ़ता है प्यार

हेलो दोस्तो! हर किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता.. क्या यह सोचकर हमेशा उदास रहना चाहिए? नहीं। अगर हमने अधूरेपन को ही अपनी सोच का आधार बना लिया तो खुशी हमें दूर-दूर तक नजर नहीं आएगी। हम अवसाद में डूबते जाएँगे। हमारे जीने का उत्साह ही खत्म हो जाएगा। जीवन में खुशियाँ भरने के लिए प्यार से भरे हुए जो भी पल आपके हाथ लगते हैं उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए।

अपने साथी के हर सहयोग, आपको खुश करने की हर कोशिश, अपनी व्यस्तता और मजबूरियों के बीच साथ देने और समय निकालने के हर प्रयास का तहे दिल से धन्यवाद करना चाहिए। शुक्रिया अदा करना बहुत ही प्यारा लव मंत्र है। इससे मिलने वाली खुशी हजार गुना बढ़ जाती है और प्यार पर भरोसा बढ़ता जाता है।

प्यार का एक ही धर्म है खुशी देना। इस मजहब में केवल अच्छे गुणों की ही गुंजाइश है। आप ही बताएँ यदि प्यार करने वाले आपस में ईर्ष्या करने लगें, प्रतिस्पर्धा करने लगें, एक दूसरे को नीचा दिखाने लगें, वर्ग भेद और ऊँच-नीच का अहसास कराने लगें, अहम दिखाने लगें, उम्र एवं पद का धौंस महसूस कराने लगें तो वह प्यार टिक सकता है?


NDप्यार तो दूर की चीज है, ऐसी नकारात्मक भावना से साधारण पसंद भी समाप्त हो जाएगी। नकारात्मक गुणों को आपस में पालते हुए भी यदि कोई प्रेमी युगल बने हुए हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें बस जीवन साथ बिताने की कोई मजबूरी है। न सखा भाव है, न ही एक-दूसरे के लिए कोई हमदर्दी। क्या बिना त्याग, करूणा और हमदर्दी के कोई प्रेम मुमकिन है। इसलिए अपने साथी से प्रदर्शित किया गया मामूली सा त्याग, हल्की सी करुणा और थोड़ी सी हमदर्दी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करें। यकीन मानिए आपको लगेगा कि आपको दोनों जहाँ मिल गया है।

अपने साथी की हर अच्छी अदाओं और गुणों पर वारा जाऊँ या वारी जाऊँ वाली भावना से प्यार के रिश्ते में चार चाँद लग जाते हैं। प्यार कोई करता ही इसलिए है कि वह जीवन में जीने का अहसास लाए। जीने की भावना जगाने के लिए अच्छी सोच की जरूरत होती है। उम्मीद की जरूरत है। अपने प्यार पर भरोसे की जरूरत है। यह तभी संभव है जब हम अपने साथी की हर छोटी-बड़ी कोशिश को सराहें। उसे उसके प्रयास को इंगित करके दिखाएँ।

अपने प्यार के साथ शुरू की गई यह आदत और व्यवहार धीरे-धीरे तमाम परिस्थितियों से निपटने का हौसला देगा। एक बार हालात को, व्यक्तियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने और तोलने की आदत जीवन में कामयाबी की ओर ले जाएगा।

आप ही बताएँ अपने बॉस, शिक्षक, माँ-बाप, भाई-बहन, अन्य रिश्तेदार या दोस्त-अहबाब को आप उनके किसी सहयोग पर धन्यवाद व्यक्त करते हैं, उनका चेहरा कितना खिल उठता है। सख्त से सख्त व्यक्ति भी कोमलता से भर उठता है। इतना ही नहीं इसका असर और भी गहरा होता है। वह असर आगे फिर आपके लिए उससे भी बेहतर कुछ करने का मौका देगा।


NDशुक्रिया, केवल औपचारिकता के लिए नहीं करना चाहिए। उसे दिल से महसूस करके करें तो उसकी ताकत आपको भी महसूस होगी। आपको शारीरिक तौर पर भी इसका लाभ मिलेगा। सकारात्मक सोच आते ही हमारे सारे ग्लैंड सही काम करने लगते हैं। यह आपके अंदर आत्मविश्वास भी जगाता है। यदि एक मरीज को अपने डॉक्टर पर ही भरोसा न हो तो उस डॉक्टर का काम ज्यादा मुश्किल हो जाता है।

पर अगर डॉक्टर के प्रयास से आपको थोड़ी भी राहत मिली हो और आप उसको, उस प्रयास का धन्यवाद करते हैं तो डॉक्टर भी अपनी पूरी विधा और तजुर्बे को अपने दिमाग में समेटकर आपका इलाज करने की कोशिश करेगा। यदि आपने यह भावना दिखाई कि बस दस प्रतिशत तो ठीक हुआ है...आप क्या इलाज कर रहे हैं... तो वह आपका इलाज तो करेगा पर उसका व्यक्तिगत प्रयास लुप्त हो जाएगा।

उसी प्रकार प्यार करने वाले को भी उसके प्रयास की विशेष पहचान की जरूरत पड़ती है। जिसने आपके लिए कुछ भी किया है उसका एक ही तरीका है बताने का और वह है, शुक्रिया अदा करना। मजे की बात यह है कि औपचारिक रूप से बोला गया यह शब्द भी बेअसर नहीं जाता है। दिल से धन्यवाद करें तो दुनिया आपकी है।

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