Sunday, May 9, 2010

ऐसे जमाएँ इम्प्रेशन गर्लफ्रैंड पर

किसी भी युवती या महिला के सम्मुख अपनी छाप छोड़ने में कुछ पुरुष अनजाने में असफल हो जाते हैं। असल में अधिकांश महिलाएँ पुरुषों से मित्रता के मामले में एक मर्यादित, सभ्य तथा संतुलित व्यवहार चाहती हैं। यदि आपको ऐसा लगता है कि आप महिलाओं पर प्रभाव डालने में असफल साबित होते हैं तो आपको जरूरत होती है ऐसी ही कुछ बातों को अपनाने की।

क्या ऐसा होता है कि जब भी आप किसी युवती की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं, वो पीछे हट जाती है। चेहरे-मोहरे से आप खासे अच्छे हैं। बढ़िया नौकरी से लगे हुए हैं। सबके साथ व्यवहार में भी मीठे हैं। फिर भी युवतियाँ हमेशा आपकी ओर से मुँह क्यों फेर लेती हैं?

न केवल आज, बल्कि कॉलेज के दिनों से ही ऐसा होता आया है। नहीं, यह भाग्य का खेल नहीं है। यह तो यथासंभव आपका अपना ही खेल है, जिसे स्वयं आपने बिगाड़ रखा है!

कहीं ऐसा तो नहीं कि...

* आप की साँसों में गंध है। खुद आपको इसका पता नहीं है। हो भी नहीं सकता। फौरन अपने डॉक्टर से मिलिए। असलियत वो ही बता सकेगा। छुटकारे के उपाय भी वो ही सुझाएगा। किसी भी उपाय की उपेक्षा मत करिए। रात को सोने से पहले ब्रश अवश्य कीजिए।

* गंध आपके वस्त्रों से भी आ सकती है। भीतर पहने जाते हर वस्त्र को रोज बदलिए। इसमें आपके मोजे भी शामिल हैं। पसीना अगर ज्यादा आया हो या आता रहता हो तो भीतरी वस्त्र बदलने के लिए अगली सुबह का इंतजार मत करिए। उन्हें रोज दो बार बदलकर स्वयं को सुरक्षित कर लीजिए। बाहरी वस्त्र भी आपको रोज बदलने चाहिए। बाहरी वस्त्रों में कहीं दाग या छिद्र न हो। इस्त्री ठीक से की गई हो। जूतों पर पॉलिश भी इतनी ही जरूरी है।

* गंध आपके बदन से भी आ सकती है। रोज किसी अच्छे साबुन से सर से पाँव तक नहाइए। नहाने के नाम पर केवल भीगकर बाहर न निकल आएँ। बदन के किसी भी जोड़ पर केश न रहने दें। केश में गंध फँसी रहती है। हर जोड़ पर अतिरिक्त साबुन लगाएँ।

* हाथ के ही नहीं, पैर के भी नाखून कभी न बढ़ने दें, उनमें मैल भी जमा न होने दें।

अब व्यावहारिक सावधानियाँ

* कहीं भी पान की पीक मारना, थूक देना, जम्हाई के समय मुँह पर हाथ न रखना, बार-बार गला साफ करते रहना, जाने-अनजाने कहीं भी खुजा देना, खाते वक्त बड़े-बड़े कौर भरना, ऐसी फूहड़ताओं से युवतियाँ चिढ़ जाती हैं।

* बातचीत के दौरान युवती की महत्वाकांक्षाओं, आदतों, शौक आदि की चर्चा करें। स्वयं के बारे में तभी कुछ बताएँ, जब पूछा जाए। हर दम अपनी ही बढ़ाई करने में डूबे युवक का इम्प्रेशन बिगड़ते देर नहीं लगती। भले ही वो जरा भी असत्य न बोल रहा हो!

* युवती जब कुछ बोल या बता रही हो, तब इधर-उधर देखते रहना, यूँ ही हाँ-हूँ करना, किसी आते-जाते पर कमेंट पास करना... इनसे बचें। युवती की नजर से नजर मिलाकर ही सब सुनें। लेकिन घूरें नहीं। जो सुनें, याद भी रखें ताकि अगली मुलाकात में उल्लेख कर सकें।

* अचानक गला फाड़कर हँसना, ताली बजा बैठना, धौल-धप्पा करना, भद्दे चुटकुले सुनाना, दूसरों को डरपोक और स्वयं को बहादुर साबित करना, समूची औरत जात को लेकर ताना कसना, किन्हीं दो स्त्रियों की तुलना करने लगना, स्त्रियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझना...किसी भी सूरत में इन कमजोरियों को अपने नजदीक न फटकने दें।

* युवती के साथ घूमने निकले हों, तब उससे आगे-आगे कभी न चलें।

* युवती को छूने से यथासंभव बचें। गपशप के दौरान अगर वो आपके हाथ पर कहीं छूती है तो अब वो केवल परिचिता नहीं रही, बल्कि दोस्त बन चुकी है। अगर घुटने पर कहीं छुए तो अब वो आपकी केवल दोस्त नहीं बल्कि गहरी दोस्त है। उसे न केवल स्नेह, बल्कि इज्जत के साथ सँजोकर रखें। उसके साथ अपनी आत्मीयता को किसी खजाने से कम न समझें। दूसरों के सामने इस आत्मीयता की चर्चा कदापि न करें, छेड़ा अथवा पूछा जाए, तब भी नहीं।

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