Sunday, May 9, 2010

प्‍यार के लि‍ए नि‍कालें दो पल

दुनिया में आज कहीं धर्म के नाम पर खून खराबा हो रहा है तो कहीं अमीर बनने के लिए लोग एक-दूसरे का कत्ल करने पर उतारू हैं। हिंसा आतंकवाद और बढ़ते चरमपंथ के बीच आज प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है लेकिन फिर भी लोगों की नासमझी के चलते यह मिल नहीं पाता ।

एक मई को मनाया जाने वाला ‘ग्लोबल लव डे’ मनुष्य को यही संदेश देता है कि वह दूसरे मनुष्यों के साथ प्रेम से रहे और दुनिया की खुशहाली में अपना योगदान दे।

भारत में लोग ‘ग्लोबल लव डे’ के नाम से बेशक परिचित नहीं हैं लेकिन अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में यह दिन काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग एक-दूसरे के प्रति अपनी प्यार भरी भावनाएँ प्रदर्शित करने के लिए ग्रीटिंग कार्ड भी भेंट करते हैं जिसका अमेरिका जैसे देशों में बहुत बड़ा मार्केट है ।

समाजशास्त्री मानते हैं कि दुनिया का हर सामाजिक प्राणी कहीं न कहीं उलझा हुआ है। ऐसे में यदि वैश्विक प्रेम दिवस जैसे आयोजन उसे प्यार की बात सिखा दें तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

लव फाउंडेशन से जुड़े डैनी ने इस अवसर के लिए लिखा है कि ‘ग्लोबल लव डे’ उसे बहुत सुकून देता है। आज जब लोगों के पास किसी से बात करने के लिए भी दो मिनट का समय नहीं बचा है तो ऐसे में इस तरह के दिवस आयोजन कुछ न कुछ अहसास कराते हैं। उनका कहना है कि आदमी दुनिया में आता है और फिर चला जाता है। ऐसे में यदि वह अपने साथ लोगों का प्यार लेकर जाए तो बात कुछ और हो जाती है। इंसानों को एक-दूसरे से घृणा नहीं करनी चाहिए और प्यार के महत्व को समझना चाहिए।

यदि समाज के लोगों में प्रेम की भावना उत्पन्न हो जाए तो दुनिया में व्याप्त सभी समस्याओं का हल खुद ब खुद निकल आएगा। इसलिए ‘ग्लोबल लव डे’ जैसे दिवस काफी मायने रखते हैं।

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